हरियाणा

Saroli Panchayat: हरियाणा के इस गांव में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, मुस्लिम बहुल पंचायत ने हिंदू महिला को चुना सरपंच

Haryana News: निशा चौहान ने कहा कि उनका गांव मुस्लिम बहुल है, लेकिन यहां हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की पुरानी परंपरा अभी भी मौजूद है। मेवात क्षेत्र में वास्तव में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है।

Saroli Panchayat: हरियाणा के नूंह जिले के एक गांव में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली। यहां मुस्लिम बहुल गांव सिरोली ने अपना एकमात्र हिंदू पंचायत सदस्य सरपंच चुना है। यह जानकारी यहां एक अधिकारी ने दी। तीस वर्षीय निशा चौहान 15 अप्रैल को सिरोली की सरपंच चुनी गईं।

एक वरिष्ठ पंचायत अधिकारी के अनुसार, पुनाहाना ब्लॉक के अंतर्गत सिरोली पंचायत में 15 सदस्य हैं, जिनमें से 14 मुस्लिम और आठ महिलाएं हैं। सिरोली सरपंच का पद महिला के लिए आरक्षित है। गांव के 3,296 मतदाताओं में से केवल 250 हिंदू हैं।

Saroli Panchayat

Saroli Panchayat

जीत हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक
पंचायत अधिकारी नसीम के अनुसार, पंचायत चुनाव दिसंबर में हुए थे, हालांकि, विजयी उम्मीदवार सहाना को कुछ महीने बाद बर्खास्त कर दिया गया था, क्योंकि उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। नवनिर्वाचित सरपंच ने कहा कि उनकी जीत हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है।

Related Articles

‘मेवात में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं’
चौहान ने कहा, “मेरा गांव मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल है, लेकिन हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की पुरानी परंपरा यहां अभी भी कायम है। मेवात क्षेत्र में वास्तव में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है, जिसका जीता जागता उदाहरण मेरा सरपंच चुना जाना है। मेरी जीत पूरे क्षेत्र में सांप्रदायिक भाईचारे का संदेश है।”

 

‘एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल’
सिरोली के पूर्व सरपंच और वर्तमान वार्ड सदस्य अशरफ ने कहा कि पंचों ने बेहतर प्रशासन की उम्मीद में चौहान को चुना था। अशरफ ने कहा, “यहां हिंदू और मुसलमान सद्भाव से रहते हैं। हम एक-दूसरे के सुख-दुख बांटते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button