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YouTuber Jyoti Malhotra: हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी का ज्योति मल्होत्रा ​​पर आया पहला बयान, यूट्यूबर की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें

Jyoti Malhotra Spy Case: ज्योति मल्होत्रा ​​की गिरफ्तारी के बीच हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमारे अधिकारी देशद्रोहियों और शरारती तत्वों के खिलाफ सतर्क अभियान चला रहे हैं।

YouTuber Jyoti Malhotra: पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि हमारी सरकार सख्त कदम उठा रही है।

उन्होंने रविवार (19 मई) को सोनीपत में कहा, “हमारे सभी अधिकारी, पुलिस अधिकारी हरियाणा राज्य में बड़ी सतर्कता और मजबूती के साथ काम कर रहे हैं।” इन अधिकारियों ने किसी भी शरारती तत्व, देशद्रोहियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। मैं उनको धन्यवाद करता हूँ।”

नायब सिंह सैनी ने कहा कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यदि इस प्रकार का कोई तत्व पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।

YouTuber Jyoti Malhotra

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ज्योति मल्होत्रा ​​कौन हैं?
ज्योति मल्होत्रा ​​हिसार, हरियाणा से हैं। वह ‘ट्रैवल विद जो’ नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाती हैं। यूट्यूब चैनल के 3.77 लाख सब्सक्राइबर हैं। उन्हें न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस का कहना है कि वह कथित तौर पर दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले एक पाकिस्तानी कर्मचारी के संपर्क में थी। भारत ने जासूसी के आरोप में 13 मई को पाकिस्तानी अधिकारी को निष्कासित कर दिया था।

उनके यूट्यूब चैनल अकाउंट पर उनकी पाकिस्तान यात्रा से संबंधित कुछ वीडियो पोस्ट किए गए हैं, जैसे ‘पाकिस्तान में भारतीय लड़की’, ‘लाहौर की खोज करती भारतीय लड़की’, ‘कटास राज मंदिर में भारतीय लड़की’ और ‘पाकिस्तान में लक्जरी बस की सवारी करती भारतीय लड़की’।

सिविल लाइंस थाने में 16 मई को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 2023 में ज्योति मल्होत्रा ​​पाकिस्तान उच्चायोग में एहसान-उर-रहीम उर्फ ​​दानिश के संपर्क में आई थी, जहां वह पड़ोसी देश की यात्रा के लिए वीजा लेने गई थी।

एफआईआर के अनुसार, ज्योति, जो दो बार पाकिस्तान जा चुकी थी, दानिश के परिचित अली अहवान से मिली थी, जिसने उसके वहां रहने की व्यवस्था की थी। अहवान ने ज्योति को पाकिस्तानी सुरक्षा एवं खुफिया अधिकारियों तथा शाकिर और राणा शाहबाज से मिलवाया।

संदेह से बचने के लिए उसने शाहबाज का मोबाइल नंबर ‘जाट रंधावा’ के नाम से पंजीकृत करा दिया था। एफआईआर के अनुसार, वह व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट के जरिए इन लोगों के संपर्क में थी और उन्हें संवेदनशील जानकारी देती थी।

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