India Longest Passenger Ropeway: अब सिर्फ 20 मिनट में पहुंच सकेंगे देहरादून से मसूरी, जानिए कब बनकर तैयार होगा देश का सबसे लंबा पैसेंजर रोपवे?
देहरादून और मसूरी के बीच रोपवे का निर्माण 2022 तक पूरा हो जाएगा। इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी आधे घंटे से भी कम हो जाएगी।

India Longest Passenger Ropeway: गर्मियां शुरू हो गई हैं। इस दौरान हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इस एपिसोड में लोग पहाड़ों की रानी मसूरी की खूबसूरत वादियों का लुत्फ उठाएंगे।
जो लोग आमतौर पर मसूरी जाते हैं वे देहरादून भी जाते हैं। इसके लिए बस, कार या टैक्सी किराये पर लें। यात्रा में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है, लेकिन अब आप आधे घंटे से भी कम समय में देहरादून से मसूरी पहुंच जाएंगे।
देहरादून से मसूरी के लगेगे 20 मिनट
दरअसल, देहरादून और मसूरी के बीच देश का सबसे लंबा रोपवे बनाया जा रहा है। परियोजना के पूरा हो जाने पर उत्तराखंड के दो प्रसिद्ध अवकाश स्थलों के बीच की दूरी मात्र 20 मिनट रह जाएगी।
India Longest Passenger Ropeway
दोनों शहरों के बीच 5.2 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह रोपवे लगभग 1,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचेगा और दक्षिण एशिया में अपनी तरह का सबसे लंबा तथा विश्व में सबसे लंबे रोपवे में से एक होगा।
यह कंपनी इस परियोजना के लिए जिम्मेदार है
एक रिपोर्ट के अनुसार, मोनो-केबल डिटैचेबल गोंडोला प्रणाली पर आधारित इस रोपवे का निर्माण मसूरी स्काई कार्स प्राइवेट लिमिटेड, एफआईएल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, फ्रांस की पोमा एसएएस और एसआरएम इंजीनियरिंग एलएलपी के संघ द्वारा किया जा रहा है। रोपवे का उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना और शहरों में यातायात को सुगम बनाना है।
यहां भी रोपवे निर्माण पर काम
इसके अलावा, कंपनी को यमुनोत्री रोपवे परियोजना भी मिली है, जो खरसाली से यमुनोत्री तक 3.8 किलोमीटर लंबी होगी। इससे यहां आने वाले हजारों तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी। वहीं, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।
4,081 करोड़ रुपये की लागत से 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक मात्र 60 मिनट में पहुंचा देगा। अभी इस यात्रा में 6-7 घंटे लगते हैं।
इसी तरह हेमकुंड साहिब के लिए 12.4 किमी लंबा रोपवे स्वीकृत किया गया है। इसके निर्माण पर 2,730 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक यात्रा का समय 45 मिनट तक कम हो जाएगा।