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Bullet Train Trial: भारत की पहली बुलेट ट्रेन का ट्रायल हुआ शुरू, जाने कब से कर सकेंगे इसमे सफर

देश में बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसमें मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबा सफर तय किया जाएगा। मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी, जो पहले 7 घंटे में पूरी होती थी, बुलेट ट्रेन से 2 घंटे 7 मिनट में पूरी होगी।

Bullet Train Trial: भारत में पहली बार हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन सेवा शुरू करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबी हाई-स्पीड रेल लाइन का निर्माण कर रहा है। मार्ग का 352 किलोमीटर का हिस्सा गुजरात के नौ जिलों और बाकी महाराष्ट्र के तीन जिलों से होकर गुजरेगा।

Bullet Train Trial

Bullet Train Trial

जापान में ट्रायल शुरू
महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन का परीक्षण जापान में शुरू हो चुका है। जापान रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत को दो शिंकानसेन ट्रेन सेट E5 और E3 सीरीज उपहार में देगा, जिनकी डिलीवरी 2026 की शुरुआत में होगी।

ये ट्रेनें 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में सक्षम हैं। भारत पहुंचने के बाद इन ट्रेनों को देश की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार परीक्षणों से गुजरना होगा।

ये ट्रेनें अत्याधुनिक निरीक्षण प्रणालियों से लैस हैं, जो ट्रैक की स्थिति, तापमान सहनशीलता और धूल प्रतिरोध जैसी जानकारी रिकॉर्ड करेंगी। इन आंकड़ों का इस्तेमाल भविष्य में मेक इन इंडिया के तहत अगली पीढ़ी की E10 सीरीज बुलेट ट्रेनों के निर्माण में किया जाएगा।

इन स्टेशनों पर रुकेगी बुलेट ट्रेन
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, सूरत और वडोदरा शामिल हैं। इस कॉरिडोर के बनने से यात्रा का समय वर्तमान में करीब 7 घंटे से घटकर सिर्फ 2 घंटे 7 मिनट रह जाएगा।

इस परियोजना में जापानी रेलवे सुरक्षा और विश्वसनीयता मानकों को अपनाया जा रहा है। 2016 में भारत और जापान के बीच हुए समझौते के अनुसार, जापान सस्ती ब्याज दरों पर येन ऋण के माध्यम से परियोजना लागत का लगभग 80% प्रदान कर रहा है।

यह परियोजना केवल तेज यात्रा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे देश में रोजगार के अवसर, तकनीकी कौशल, पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना के पूरा होने से भारत में तेज, सुरक्षित और विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन के एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है।

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