PSU Employees Pension: सरकार का नया नियम एक गलत कदम और चली जाएगी सरकारी पेंशन, जानिए क्या है नियम
यह संशोधन 9 जनवरी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया है। यह आदेश "सूरज प्रताप सिंह बनाम सीएमडी बीएसएनएल" के मामले में दिया गया था, जिसमें पेंशन लाभों के बारे में स्पष्टता मांगी गई थी।

PSU Employees Pension: अब अगर कोई पूर्व सरकारी कर्मचारी, जो अब किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) में काम कर रहा है, वहां कोई गंभीर अनियमितता करता है, तो उसकी पिछली सरकारी नौकरी से जुड़ी सेवानिवृत्ति पेंशन भी जब्त हो सकती है। सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम में संशोधन करके यह नया प्रावधान लागू किया है।
क्या कहता है नया नियम?
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) द्वारा 22 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी को स्थायी रूप से शामिल किए जाने के बाद कदाचार या अनुशासनहीनता के लिए पीएसयू से हटाया जाता है, तो उसे सरकारी नौकरी के दौरान अर्जित पेंशन लाभ भी जब्त हो सकते हैं। संबंधित मंत्रालय द्वारा समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया जाएगा।
PSU Employees Pension

पहले क्या था नियम?
इससे पहले, अगर कोई कर्मचारी पीएसयू में काम करते हुए नौकरी से निकाल दिया जाता था, तो उसकी सरकारी नौकरी से जुड़ी पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ प्रभावित नहीं होते थे।
नियम 37(29)(सी) के तहत यह स्पष्ट था कि पीएसयू में अनुशासनात्मक कार्रवाई से सरकारी कर्मचारी की पेंशन प्रभावित नहीं होगी। लेकिन अब इस नियम में बदलाव किया गया है और नया प्रावधान लाया गया है।
यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया है
यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट के 9 जनवरी के आदेश के बाद किया गया है। यह आदेश “सूरज प्रताप सिंह बनाम सीएमडी बीएसएनएल” के मामले में दिया गया था, जिसमें पेंशन लाभ के बारे में स्पष्टता मांगी गई थी।
कोर्ट के निर्देशानुसार, नियमों में संशोधन किया गया है, ताकि पीएसयू से बर्खास्त होने पर भी सरकारी कर्मचारियों की पेंशन रद्द की जा सके।

किस कर्मचारी पर लागू होगा यह नियम?
यह नया नियम उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है, जो किसी सरकारी विभाग के सार्वजनिक उपक्रम में स्थायी रूप से समाहित हो गए हैं। जैसे टेलीकॉम विभाग से बीएसएनएल या किसी अन्य विभाग से एचएएल, बीएचईएल आदि में स्थानांतरित कर्मचारी।
इसमें समीक्षा का भी प्रावधान होगा
हालांकि, यह निर्णय अंतिम नहीं होगा। अगर किसी कर्मचारी को पीएसयू से बर्खास्त किया जाता है, तो संबंधित मंत्रालय द्वारा इस फैसले की समीक्षा की जाएगी। दूसरे शब्दों में, पेंशन जब्त करने का फैसला सिर्फ पीएसयू की नहीं, बल्कि मंत्रालय की मंजूरी से होगा।
पीएसयू कर्मचारियों को अधिक सतर्क रहना होगा
सरकार के नए नियमों से यह स्पष्ट है कि पीएसयू में काम करने वाले पूर्व सरकारी कर्मचारियों को अब अपने आचरण और कार्यशैली में अधिक सतर्क रहना होगा।

अनुशासनहीनता या गंभीर अनियमितताएं अब न केवल मौजूदा नौकरी बल्कि वर्षों की मेहनत से अर्जित सरकारी पेंशन को भी खतरे में डाल सकती हैं।




































