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High Level Bridge Chambal : राजस्थान के चंबल नदी पर करोड़ों रुपये की लागत से बनेगा राजस्थान का सबसे लंबा पुल,

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार पुल का निर्माण डेढ़ साल में पूरा हो जाएगा।1880 मीटर लंबे और 35 मीटर ऊंचे हाई लेवल ब्रिज के निर्माण पर 111.50 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।

High Level Bridge Chambal : पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार पुल का निर्माण डेढ़ साल में पूरा हो जाएगा।1880 मीटर लंबे और 35 मीटर ऊंचे हाई लेवल ब्रिज के निर्माण पर 111.50 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।

राजस्थान का सबसे लंबा हाई लेवल ब्रिज चंबल नदी पर बनने जा रहा है। कोटा के खातौली क्षेत्र में चंबल नदी पर पुल का निर्माण का ऑर्डर 111.50 करोड़ रुपये है।High Level Bridge Chambal

इस पुल से राजस्थान के कोटा, बारां, सवाई माधोपुर और श्योपुर के लोगों को फायदा होगा। हाई लेवल ब्रिज 1880 मीटर लंबा और 35 मीटर ऊंचा होगा। यह पुल क्षेत्र के लोगों का सपना पूरा करेगा।High Level Bridge Chambal

2020 में डीपीआर और 2021 में 165 करोड़ रुपये की मंजूरी के बाद भी वन एवं पर्यावरण मंजूरी के अभाव में पुल का निर्माण शुरू नहीं हो सका।

डेढ़ साल में पुल बनकर तैयार हो जाएगा
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार डेढ़ साल में पुल बनकर तैयार हो जाएगा। सार्वजनिक निर्माण विभाग कोटा की ओर से निर्माण ऑर्डर जारी करने के लिए फाइल जयपुर भेज दी गई है। 1880 मीटर लंबे और 35 मीटर ऊंचे हाई लेवल ब्रिज के निर्माण पर 111.50 करोड़ रुपये की लागत आई है। वर्तमान में राजस्थान का सबसे लम्बा पुल भी कोटा जिले में चम्बल नदी पर बना हुआ है। गैंता और बूंदी जिले के मखिदा में 1562 मीटर लंबा पुल 2017 में बनकर तैयार हुआ। पुल बनने के बाद यातायात सुगम हो गया।

बारिश में ट्रैफिक पर लगा ब्रेक
यह पुल बारां और सवाई माधोपुर सहित कई शहरों के लिए वरदान साबित होगा। सबसे ज्यादा फायदा बारां जिले के लोगों को होगा। बारां सीधे सवाई माधोपुर से जुड़ जाएगा। पहले लोगों को कोटा होते हुए सवाई माधोपुर पहुंचने के लिए 200 किमी का सफर तय करना पड़ता था। यह पुल 135 किमी की दूरी तय करेगा और बारां के लोगों को सवाई माधोपुर तक ले जाएगा।High Level Bridge Chambal

बारिश में यातायात पूरी तरह से ठप हो जाता था। मुकेश मीना का कहना है कि प्रीस्ट्रेस्ड कंक्रीट गार्डर ब्रिज में चार गार्डर हैं। 48 पिलर पर 47 स्पैन रखे जाएंगे। दोनों खंभों के बीच 40 मीटर का गैप रहेगा। पुल के दोनों सिरों पर कटौती शामिल है। 48 नाशपाती भी तीन तरह से बनाई जाएंगी। चट्टान के ऊपर खुले 5, कुएं के 7 और ढेर के 36 हिस्से की नींव होगी। ब्रिज के काम को मिली सराहना से खुशी की लहर है।

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