LAC News: आज की सैन्य वार्ता से तय हो सकती है पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन मे मुलाकात,
India China Talks:यदि आज सहमति बनी तो चीनी सैन्य घुसपैठ से जुड़े लंबित मुद्दों पर दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत का मार्ग खुल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैन्य घुसपैठ से रिश्तों में आई कड़वाहट कम होती दिख रही है।

LAC News :यदि आज सहमति बनी तो चीनी सैन्य घुसपैठ से जुड़े लंबित मुद्दों पर दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत का मार्ग खुल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैन्य घुसपैठ से रिश्तों में आई कड़वाहट कम होती दिख रही है।
चीन भारत का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है।क्या अगले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत संभव है?
इस सवाल का जवाब दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच आज होने वाली बातचीत के नतीजे पर निर्भर करेगा।अप्रैल 2020 में चीनी सैन्य घुसपैठ से उत्पन्न स्थिति पर भारतीय और चीनी सैन्य अधिकारियों के बीच यह 19वें दौर की वार्ता होगी। ये बातचीत दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव खत्म करने में काफी मददगार साबित हुई है.
अप्रैल, 2023 के बाद इस पर बातचीत हो रही है और इस बार माहौल काफी सकारात्मकनजर आ रहा है।यदि आज सहमति बनी तो चीनी सैन्य घुसपैठ से जुड़े लंबित मुद्दों पर दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत का मार्ग भी खुल सकता है।
पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ से पहले भी पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठकों का लंबा दौर चला है।डोकलाम के बाद भी दोनों नेताओं ने आपसी समझ बढ़ाने के लिए अनौपचारिक बातचीत का रास्ता चुना था।
उनके बीच आखिरी बातचीत अक्टूबर2019 में चेन्नई में हुई थी. उनके बीच आखिरी मुलाकात दिसंबर, 2022 में बाली में जी-20 बैठक के दौरान हुई थी और विदेश मंत्रालय ने कुछ हफ्ते पहले इसकी जानकारी दी थी।
पीएम मोदी और शी जिनपिंग एक मंच पर होंगे
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के करीब तीन हफ्ते बाद 09-10 सितंबर 2023 को मोदी और शी जिनपिंग एक बार फिर जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए एक मंच पर होंगे. शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी के कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है।
ऐसे में अगर 19वें दौर की सैन्य वार्ता का नतीजा सकारात्मक रहा तो दोनों नेताओं के लिए आधिकारिक बातचीत करना और आसान हो जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैन्य घुसपैठ से रिश्तों में आई कड़वाहट कम होती दिख रही है। जब से वांग यी ने दोबारा विदेश मंत्रालय संभाला है, तब से उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अलग-अलग चर्चा की है।