Chandrayaan-3 Launching Date:चंद्रयान-3 को लेकर इसरो ने दी बड़ी जानकारी, बताया कब लॉन्च होगा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 इसी साल जुलाई में लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान-3 जुलाई के दूसरे हफ्ते में लॉन्च हो सकता है।
Chandrayaan-3 Launching Date :चंद्रयान-2 की विफलता पर इसरो प्रमुख ने कहा कि विफलता सामान्य है। जरूरी नहीं कि हम हर बार सफल हों, लेकिन जरूरी है कि हम इससे सीखें और आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि जब कुछ नया किया जाता है तो सफलता और असफलता दोनों मिलती है।
Chandrayaan-3 Launching Date
असफलता का मतलब यह नहीं है कि हम फिर से प्रयास करना बंद कर दें।इसरो ने चंद्रमा के बारे में अधिक जानने के लिए 2008 में चंद्र मिशनों की एक श्रृंखला शुरू की। 2008 में इसरो ने चंद्रयान-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इसके बाद जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया गया इसका प्रक्षेपण सफल रहा लेकिन लैंडिंग असफल रही।
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Chandrayaan-3 Launching Date
लैंडिंग के दौरान लैंडर चांद की सतह से टकरा गया और उससे संपर्क टूट गया।चंद्रयान-3 इसी साल जुलाई में लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान-3 जुलाई के दूसरे हफ्ते में लॉन्च हो सकता है। अधिकारियों ने कहा कि आवश्यक परीक्षण मार्च में किए गए थे। इसरो प्रमुख ने नौवहन उपग्रह एनवीएस-01 के प्रक्षेपण के मौके पर चंद्रयान की जानकारी दी थी चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा में LVM-3 यान से लॉन्च किया जाएगा।
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मिशन में एक ऑर्बिटर, एक रोवर और एक लैंडर होगा।इस बात का खुलासा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सोमवार को किया। उन्होंने कहा, अंतरिक्ष के क्षेत्र में यह भारत की एक और बड़ी उपलब्धि होगी।
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इसरो के वैज्ञानिकों ने ओडिशा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से जियोस्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) के जरिए एक नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद यह बात कही।चंद्रयान -3 का प्रक्षेपण चंद्रयान -2 लैंडर-रोवर के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार साल बाद हुआ है।
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चंद्रयान-3 मिशन जुलाई में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के डार्क साइड कहे जाने वाले हिस्से तक लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह हिस्सा पृथ्वी के संपर्क में नहीं आता है।इसरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की कि मिशन तैयारी के अंतिम चरण में है।
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Chandrayaan-3 Launching Date
अब, यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में पेलोड को एकीकृत किया जा रहा है क्योंकि टीम जुलाई के मध्य में लॉन्च वाहन मार्क-III पर भारत के सबसे भारी रॉकेट के लॉन्च के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।चंद्रयान-2 मिशन 2019 मे लॉन्च किया गया था मिशन तीन अलग-अलग प्रणालियों ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर का एक अनूठा संयोजन था।
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ऑर्बिटर ने खुद को चंद्रमा के चारों ओर एक कक्षा में स्थापित कर लिया। मिशन के लैंडर और रोवर यूनिट खो गए क्योंकि यह चंद्रमा के सुदूर भाग में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसने चंद्रयान -3 के साथ सिर्फ एक लैंडर और एक रोवर लॉन्च करने का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य नए चंद्र मिशनों के लिए चंद्रयान -2 के ऑर्बिटर को फिर से डिजाइन करना है।