ऑटोमोबाइल

Maruti Grand Vitara: भारतीय ऑटो सेक्टर पर एकतरफा राज कर रही है Maruti की ये जबरदस्त एसयूवी, दमदार इंजन के साथ सेती है 30 का माइलेज देगी

Maruti Grand Vitara Mileage: मारुति की कारें दशकों से अपनी ताकत और किफायतीपन के लिए जानी जाती हैं, यही वजह है कि लोग इन कारों पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं।

Maruti Grand Vitara: अगर आपको अच्छी माइलेज वाली एसयूवी चलाना पसंद है लेकिन इसकी कम माइलेज आपको परेशान करती है तो आज हम आपके लिए एक दमदार एसयूवी लेकर आए हैं जो न सिर्फ दिखने में दमदार है बल्कि इसकी परफॉर्मेंस भी बेहद दमदार है।

इस एसयूवी का नाम मारुति ग्रैंड विटारा है और इसे खरीदने के लिए ग्राहकों में जबरदस्त क्रेज है। आज हम आपको इसके जबरदस्त क्रेज के साथ-साथ यह कितनी माइलेज देती है, इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। यह एसयूवी एक लीटर में 28 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है।

Maruti Grand Vitara

Maruti Grand Vitara

दमदार इंजन
ग्रैंड विटारा में ग्राहकों को 1.5 लीटर का 4-सिलेंडर माइल्ड-हाइब्रिड पेट्रोल इंजन मिलता है। अपने हाइब्रिड पावरट्रेन की वजह से ही यह दमदार एसयूवी करीब 28 किलोमीटर प्रति लीटर का दमदार माइलेज दे सकती है।

कीमत और वैरिएंट
मारुति की कॉम्पैक्ट एसयूवी की शुरुआती कीमत 11.19 लाख रुपये है। यह कुल छह ट्रिम्स में उपलब्ध है: सिग्मा, डेल्टा, जेटा, जेटा+, अल्फा और अल्फा+। इसके प्लस ट्रिम्स स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड पावरट्रेन विकल्प के साथ उपलब्ध हैं। डेल्टा और जेटा ट्रिम्स के मैनुअल वैरिएंट अब फैक्ट्री-फिटेड CNG विकल्प के साथ उपलब्ध हैं।

फीचर्स
वे 9-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले, पैनोरमिक सनरूफ, एम्बिएंट लाइटिंग, वायरलेस फोन चार्जर, वेंटिलेटेड फ्रंट सीट और हेड-अप डिस्प्ले के साथ आते हैं।

इसमें 6 एयरबैग, एक इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ESP), EBD के साथ ABS और एक टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) मिलता है। साथ ही, इसमें 360-डिग्री कैमरा, हिल-डिसेंट कंट्रोल और ISOFIX चाइल्ड-सीट एंकर मिलते हैं।

हाइब्रिड कारें कैसे ज़्यादा माइलेज देती हैं
हाइब्रिड कारें एक से ज़्यादा ऊर्जा स्रोतों पर काम करती हैं। ये पेट्रोल या डीजल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर का संयोजन हैं और ये दोनों सिस्टम मिलकर वाहन को चलाते हैं और कभी-कभी कारें सिर्फ़ इलेक्ट्रिक मोटर पर भी चल सकती हैं।

इससे ईंधन कम जलता है और ईंधन दक्षता में सुधार होता है। हाइब्रिड तकनीक की बात करें तो इस तकनीक में (प्लग-इन हाइब्रिड को छोड़कर) बैटरी (इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने वाली) को आंतरिक सिस्टम से चार्ज किया जाता है।

इसलिए, बैटरी को अलग से चार्ज करने की ज़रूरत नहीं होती। हाइब्रिड तकनीक कई तरह की उपलब्ध हैं लेकिन भारत में माइल्ड हाइब्रिड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड तकनीक ज़्यादा लोकप्रिय हैं।

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