Electric Vehicle Costing: केंद्रीय मंत्री नीतीश गडकरी के ऐलान से कार चालकों की हुई मौज , सुनकर खुशी से झूमने लगे लोग
Electric Vehical Future: सरकार निकट भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमतों को पेट्रोल कारों के बराबर लाने की योजना बना रही है। मौजूदा समय में पेट्रोल कारों की तुलना में डीजल और सीएनजी कारें महंगी हैं।
Electric Vehicle Costing: पिछले एक साल में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पिछले साल 22 मई को केंद्र सरकार ने तेल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 8 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई है.
यह भी पढे: Dwarka Expressway: जानिए कब तक तैयार हो जाएगा देश का पहला 8 लेन का एलिवेटेड एक्सप्रेसवे
हालांकि, साल के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है। क्रूड इस समय 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है। पेट्रोल और डीजल के महंगे दामों से लोगों में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज बढ़ा है. लेकिन कभी-कभी अधिक कीमत और रखरखाव के कारण वे इलेक्ट्रिक कारों का खर्च नहीं उठा सकते।
Electric Vehicle Costing
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत कम करने की योजना
बढ़ते प्रदूषण के स्तर और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की कीमत कम करने की योजना बना रही है। इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle Costing) की कीमतें निकट भविष्य में पेट्रोल कारों के बराबर होने की उम्मीद है।
मौजूदा समय में पेट्रोल कारों की तुलना में डीजल और सीएनजी कारें महंगी हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इसकी घोषणा की थी।
Electric Vehicle Costing
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल कारों के बराबर होगी
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल एक कार्यक्रम में कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल कारों के बराबर होगी। गडकरी ने कहा था कि सरकार के पास देशभर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की विस्तृत योजना है।
सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। मौजूदा समय में पेट्रोल कारों की तुलना में इलेक्ट्रिक कारें ज्यादा महंगी हैं। उनके बयान के बाद कार चालकों में खुशी है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में आने वाला समय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का है। केंद्रीय मंत्री ने आशा व्यक्त की कि जल्द ही विद्युत ईंधन एक वास्तविकता बन जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर कैटेगरी में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 800 फीसदी तक बढ़ रही है।
एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में हर साल 25 से 30 लाख इलेक्ट्रिक कारों का पंजीकरण हो रहा है। देश हाइड्रोजन कारों पर भी तेज गति से काम कर रहा है।