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RBI MPC meeting: RBI ने एक बार फिर शुरू किया मंथन, क्या इस बार सस्ता होगा लोन?

लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा से उम्मीद जगी है कि महंगाई पर लगाम लग सकती है. आरबीआई से उम्मीदें हैं कि वह इस बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

RBI MPC meeting: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजो के आने के बाद मे अब लोगों को उम्मीद है कि महंगाई पर काफी हद तक लगाम लग सकती है. आरबीआई से उम्मीदें हैं कि वह इस बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू हो गई है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को अपनी तीन दिवसीय द्विमासिक बैठक शुरू की। उम्मीद है कि एमपीसी प्रमुख ब्याज दर रेपो को अपरिवर्तित रखेगी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा करेंगे। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों (रेपो) में कटौती की कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि मुद्रास्फीतिअब  चिंता का विषय बनी हुई है।

रेपो दर 6.5 प्रतिशत के काफी उच्च स्तर पर बनी हुई है। फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट 6.5 फीसदी के ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। उम्मीद है कि एमपीसी अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच ब्याज दरों में कटौती से परहेज करेगी।

केंद्रीय बैंक ने अंतिम बार फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत तक कर दिया था और तब से लगातार सात बार इसे अपरिवर्तित रखा है।

एसबीआई के शोध पत्र के अनुसार, केंद्रीय बैंक को उदार रुख वापस लेने के अपने फैसले पर कायम रहना चाहिए। एमपीसी बैठक की प्रस्तावना शीर्षक वाली रिपोर्ट में उम्मीद की गई है कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में रेपो दर में कटौती करेगा और ”ये” कटौती कम रहने की संभावना है।

खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े मे इस महीने के अंत तक जारी किये जायेंगे. इसमें कहा गया है कि अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है।

आरबीआई से उम्मीदों पर हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर हासिल की है, जो 2022-23 में सात प्रतिशत थी।

उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए उम्मीद है कि आरबीआई एमपीसी मौजूदा मुद्रास्फीति दबावों के बीच अपने मौजूदा नीतिगत रुख को बरकरार रखेगी और इस साल ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम लगती है।

मनसुम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतराम वरयूर को भी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक या तो ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखेगा या आगामी द्विमासिक नीति में उनमें कटौती करेगा।

उन्होंने कहा, “हमें ऐसे उपायों की उम्मीद है जो बाजार में नकदी की कमी को कम करेंगे और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा देंगे, जिसका रियल एस्टेट बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।”

सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत उतार-चढ़ाव के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है। अरहास के सीईओ सौरभ रॉय ने कहा, आरबीआई को भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों, स्थिरता समाधानों के वित्तपोषण और प्रोत्साहन की सुविधा के लिए मौद्रिक नीति पर ध्यान देने की जरूरत है।

MPC में तीन बाहरी सदस्य और तीन आरबीआई के अधिकारी शामिल हैं। दर निर्धारण समिति के बाहरी सदस्य शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं।

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