Supreme Court:मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CBI-ED पेश करेगी जवाब
Supreme Court Of India:सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार है। कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार है। कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया को इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने सुनवाई के दौरान जमानत याचिकाओं पर सुनवाई सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. सिसौदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए कोर्ट से जमानत मांगी है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर रहे हैं। शराब घोटाले में सिसौदिया का नाम आने के बाद से आप लगातार बीजेपी के निशाने पर है।
इससे पहले 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने चल रहे मामले में सिसौदिया द्वारा मांगी गई जमानत पर सीबीआई और ईडी से जवाब मांगा था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा था कि सिसौदिया की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी हालत स्थिर है।
इसलिए, मामलों में नियमित जमानत याचिकाओं के साथ ही सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर भी विचार किया जाएगा। इससे दोनों जांच एजेंसियों को याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए अधिक समय मिल जाएगा।
दरअसल, 30 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दायर एक मामले में सिसौदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि पूर्व डिप्टी सीएम और एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते वह एक ‘हाई-प्रोफाइल’ आरोपी हैं।इस वजह से वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी जमानत याचिका में, सिसौदिया ने तर्क दिया कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, यहां तक कि आरोप भी नहीं है कि किसी ने उन्हें रिश्वत दी थी।
सिसौदिया का कहना है कि यह साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं है कि उनके जरिए रिश्वत मांगी गई थी। इसके अलावा घर पर की गई छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान ऐसा कुछ भी नहीं मिला है जिससे उन्हें आरोपी बनाया जा सके।