One Nation One Election: ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ कमेटी की आज होगी पहली बैठक, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति आज अपनी प्रारंभिक बैठक करेगी।
One Nation One Election: देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति अपने रोडमैप और हितधारकों के साथ परामर्श करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए आज अपनी प्रारंभिक बैठक करेगी। कोविंद ने हाल ही में ओडिशा में संवाददाताओं से कहा था कि बैठक 23 सितंबर को होगी।
अमित शाह, गुलाम नबी आजाद और एनके सिंह सीमित के सदस्य
सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर सिफारिशें करने के लिए 2 सितंबर को आठ सदस्यीय ”उच्च स्तरीय समिति” अधिसूचित की थी। अधिकारियों ने कहा कि बैठक प्रारंभिक प्रकृति की होगी और सदस्य समिति को प्रदत्त शक्तियों के संदर्भ में आगे बढ़ने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि समिति हितधारकों के साथ परामर्श के तरीके, विषय पर शोध और दस्तावेज तैयार करने के तरीके पर भी चर्चा करेगी। गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष NK सिंह समिति के सदस्यों में शामिल हैं।
अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में शाह को पत्र लिखकर सीमित का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी सदस्य थे। लेकिन उन्होंने हाल ही में गृह मंत्री शाह को लिखे पत्र में समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है।
अधीर रंजन चौधरी ने पत्र में कहा, “मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है जिसका जनादेश अपने निष्कर्षों के लिए गारंटी प्रदान करने के लिए बनाया गया है।” यह पूरी तरह से दिखावा है।” सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि समिति तुरंत काम शुरू करेगी और जितनी जल्दी हो सके सिफारिशें करेगी, लेकिन रिपोर्ट जमा करने की कोई समय सीमा नहीं बताई गई है।
कानून सचिव नितिन चंद्रा समिति के सचिव होंगे
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने सरकार के फैसले को देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा बताया है. उच्च स्तरीय समिति में पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और पूर्व सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी शामिल हैं।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में समिति की बैठक में शामिल होंगे जबकि कानून सचिव नितिन चंद्रा सचिव होंगे।यदि आवश्यक हो तो एक साथ चुनाव कराने के उद्देश्य से समिति संविधान, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और अन्य कानूनों या विनियमों में विशेष संशोधनों की जांच करेगी और सिफारिश करेगी।
संविधान में कुछ विशिष्ट संशोधनों के लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं से अनुमोदन की आवश्यकता होती है। समिति त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव की स्वीकृति या एक साथ चुनाव कराने पर दल परिवर्तन जैसी स्थितियों पर भी विचार करेगी और सिफारिश करेगी।
एक संसदीय समिति ने हाल ही में कहा कि एक साझा मतदाता सूची खर्च को कम करने में मदद करेगी और मानव संसाधनों को उस कार्य पर तैनात होने से रोकेगी जिस पर कोई अन्य एजेंसी पहले से ही काम कर रही है।