Sugar Export: दूसरे देशों को चीनी नहीं बेचेगा भारत, सरकार ने लगाया बैन, जानें 2024 के चुनाव से क्या है इसका कनेक्शन
Sugar Export: केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर तक चीनी निर्यात पर लगाई रोक। भारत चीनी के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों में से एक है। केंद्र ने उत्पादन में गिरावट और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आर्थिक मंदी के जोखिम को कम करने के लिए चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत में चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने अक्टूबर तक इसके निर्यात पर रोक लगा दी है
Sugar Export: सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों की एक समिति ने सिफारिश की है कि मिलों द्वारा निर्यात के लिए चीनी भेजने को तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए। पैनल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। इस मामले पर कथित तौर पर अप्रैल में एक बैठक में चर्चा की गई थी
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31 अक्टूबर तक चीनी के निर्यात पर रोक
सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शिपमेंट पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना बहुत जल्द जारी होने की संभावना है। 2022-23 फसल वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में भारत का चीनी उत्पादन पिछले वर्ष के 35.9 मिलियन टन से घटकर लगभग 32.7 मिलियन टन (एलटी) रहने की उम्मीद है। पहले चीनी निर्यात पर प्रतिबंध 31 अक्टूबर 2022 तक के लिए तय किया गया था लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अब इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया है। 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा निर्यात प्रतिबंध
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यूरोपीय संघ और अमेरिका का प्रतिबंध लागू नहीं होगा
डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में कहा कि कच्ची, रिफाइंड और सफेद चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध 31 अक्टूबर, 2022 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2023 या अगले आदेश तक कर दिया गया है। हालांकि, ये प्रतिबंध यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू शुल्क रियायत कोटा के तहत किए गए निर्यात पर लागू नहीं होंगे। प्रतिबंध की शर्तों के अनुसार, सीएक्सएल और टीआरक्यू व्यवस्था के तहत इन दोनों बाजारों में एक निश्चित मात्रा में चीनी का निर्यात किया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, ‘वर्तमान में 27.5 लाख टन की अनुमानित घरेलू खपत की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त चीनी है। लेकिन सरकार इस साल दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव और मार्च-अप्रैल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार को लगा कि अगर वह विदेशों में चीनी भेजना जारी रखती है तो देश में चीनी की कमी हो जाएगी, जिससे यह और महंगी हो जाएगी।
2021-22 के दौरान 110 लाख टन चीनी का निर्यात
उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को चीनी का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 42.24 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो एक साल पहले के 41.31 रुपये के स्तर से थोड़ा अधिक है। 2022-23 वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) के दौरान, भारत के चीनी निर्यात का मूल्य रिकॉर्ड 5,770.64 मिलियन डॉलर रहा, जबकि 2021-2 में यह 4,602.65 मिलियन डॉलर था।
मात्रा के संदर्भ में, 2021-22 चीनी सीजन के दौरान निर्यात 1.1 मिलियन टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इस बीच, चीनी मिलों ने अब तक लगभग 58 लाख टन निर्यात के लिए भेजा है। सरकार ने चालू सीजन के लिए निर्यात को पहले ही 61 लाख टन पर सीमित कर दिया है।