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Sheshnag Goods Train: हरियाणा के अंबाला मे 174 डिब्बों के साथ दौड़ी शेषनाग मालगाड़ी,जानिए इस मालगाड़ी की खासियत

मालगाड़ी ने करीब 178 किलोमीटर का सफर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से महज तीन घंटे में पूरा कर लिया।मालगाड़ी पर डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों के साथ-साथ उत्तर रेलवे के अधिकारी भी ट्रेन के इंजनों में मौजूद थे।

Sheshnag Goods Train: डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड ने शनिवार को इतिहास रचा।जब नवनिर्मित कॉरिडोर पर तीन मालगाड़ी डिब्बों के बराबर मालगाड़ी का परिचालन किया गया।

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यह ट्रेन पंजाब के न्यू खन्ना रेलवे स्टेशन से उत्तर प्रदेश के पिलखनी स्टेशन तक संचालित की गई थी।इस दौरान इसमें दो इंजन वाले 174 डिब्बे जोड़े गए और इसका नाम शेषनाग रखा गया।

मालगाड़ी ने करीब 178 किलोमीटर का सफर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से महज तीन घंटे में पूरा कर लिया।मालगाड़ी पर डीएफसीसीआईएल के अधिकारियों के साथ-साथ उत्तर रेलवे के अधिकारी भी ट्रेन के इंजनों में मौजूद थे।

इस बीच बीच सड़क पर मालगाड़ियों के परिचालन के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो,इसके लिए चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था की गयी थी।

मालगाड़ी के सफल परिचालन से रेलवे अधिकारियों में काफी उत्साह है।अब उन्हें इस नए ट्रैक पर बिना किसी समस्या के एक साथ तीन मालगाड़ियां चलाने की उम्मीद है।इससे रेलवे को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा और खर्च भी कम होगा।

डबल डेकर की भी योजना
डीएफसीसीआईएल ने कॉरिडोर पर डबल डेकर मालगाड़ियां चलाने की भी योजना बनाई है।इसके लिए रेलवे द्वारा पहले से ही विशेष प्रकार के छोटे कंटेनर तैयार किये गये हैं जिन्हें विशेष प्रकार की मालगाड़ियों के जरिये एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है।डीएफसीसीआईएल के अधिकारी भी इस योजना पर मंथन कर रहे हैं ताकि इस कॉरिडोर पर इन डबल डेकर डिब्बों का भी परीक्षण किया जा सके।Sheshnag Goods Train

17 तारीख को पहली मालगाड़ी रवाना हुई थी
पिलखनी-साहनेवाल रेलवे कॉरिडोर पर पहली मालगाड़ी जनवरी में चलाई गई थी 58 कोच वाली मालगाड़ी ने 175 किमी का सफर 42 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से साढ़े चार घंटे में पूरा किया,जबकि पहले इस खंड पर ट्रेन परिचालन में छह घंटे से अधिक का समय लगता था।Sheshnag Goods Train

जुलाई 2016 में काम शुरू हुआ
डीएफसीसीआईएल परियोजना के तहत अंबाला डिवीजन के अंतर्गत का साहनेवाल से पिलखनी तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है।

जुलाई में काम शुरू हुआ यह परियोजना 2005 में बनाई गई थी और 2006 में स्वीकृत हुई थी।इसके तहत तीन रेलवे सेक्शन तैयार किये गये।पहला शंभू से साहनेवाल तक,दूसरा पिलखनी से कलानौर तक और तीसरा कलानौर से पिलखनी तक है।Sheshnag Goods Train

परियोजना को पूरा करने के लिए 5500 करोड़
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बिछाई गई नई रेल लाइन की शुरुआती लागत 3,000 करोड़ रुपये थी जिसे बाद में बढ़ाकर 5,500 करोड़ रुपये कर दिया गया।इसमें 2,500 करोड़ रुपये के सिविल कार्य 1,000 करोड़ रुपये के सिग्नल और ओएचई कार्य और 1,200 करोड़ रुपये की भूमि अधिग्रहण लागत शामिल है।Sheshnag Goods Train

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