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Atiq Ashraf Murder Case: शूटर सनी का कबूलनामा! अतीक को मारने के लिए हथियार किसने दिया- लॉरेंस बिश्नोई भी गिरोह से क्या कनेक्शन है

Atiq-Ashraf Shot Dead: उत्तर प्रदेश पुलिस का फिलहाल पूरा फोकस अतीक-अशरफ हत्याकांड की तह तक जाने पर है. हत्या के तीनों आरोपी लगातार कोई नया खुलासा नहीं कर रहे हैं।

Atiq Ashraf Murder Case: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस गिरफ्त में शूटर सन्नी ने कबूल किया है कि तीनों आरोपियों ने हथियार दिल्ली के जितेंद्र गोगी गिरोह के संपर्कों से हासिल किए थे. कानपुर का बाबर भी इसी गिरोह से जुड़ा था। बाबर के माध्यम से ही वे गोगी गिरोह के संपर्क में आए। हालांकि पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि ये बयान लगातार बदल रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश पुलिस भी इन लोगों के दावों की जांच कर रही है. जितेंद्र गोगी गिरोह चाहता था कि ये तीनों एनसीआर में कोई बड़ा अपराध करें। एनसीआर कनेक्शन होने की वजह से गोगी गैंग ने उन्हें एनसीआर चैनल आईडी, बड़ा कैमरा और आई-कार्ड दिया था. सितंबर 2021 में रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी की हत्या कर दी गई थी। लॉरेंस बिश्नोई के लिए जितेंद्र हमेशा से बेहद खास रहे हैं।

atiq ahmed ashraf ahmed shot dead confession shooter Sunny police custody said weapons got from jitendra gogi gang ann शूटर सनी का कबूलनामा! बताया अतीक को मारने के लिए किसने दिए हथियार- लॉरेंस बिश्नोई से भी गैंग का कनेक्शन

लॉरेंस विश्नोई जैसा बनना चाहते थे 

इससे पहले इन लोगों ने पुलिस के सामने कबूल किया था कि वे लॉरेंस विश्नोई की तरह बनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पुलिस को गोली मारने की कोई योजना नहीं थी। तीनों मरने नहीं आए थे, इसलिए उन्होंने सरेंडर कर दिया। सनी सिंह के अपराध को यूपी के कई जिलों से जोड़ा जा रहा है. सनी का जालौन में भी आपराधिक इतिहास रहा है। 2019 में वह साथी के साथ स्कॉर्पियो लूट कर फरार हो गया था। कदौरा पुलिस से भी उसकी मुठभेड़ हुई थी।

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क्या था तीनों आरोपियों का प्लान?

तीनों आरोपी अप्रैल में लखनऊ से बस से प्रयागराज पहुंचे थे तीनों केल्विन अस्पताल से 1.5 किमी दूर रेलवे स्टेशन के सामने एक होटल में ठहरे थे। पहले 13 अप्रैल को अतीक अशरफ को कोर्ट में मारने की योजना थी, लेकिन उस वक्त मौका नहीं मिला। फिर 15 अप्रैल को उन्होंने दिन में केल्विन अस्पताल में रेकी की। दो नए मोबाइल खरीदे लेकिन सिम कार्ड के लिए फर्जी आईडी नहीं बन सका। अतीक और अशरफ को गोली मारने के बाद तीनों ने अपने डर पर काबू पाने के लिए जय श्री राम के नारे लगाए।

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