Toll Plaza: सड़क मार्ग से यात्रा करने वाले लोगों को भी टोल प्लाजा से गुजरना पड़ता है। टोल प्लाजा पर भी विवाद होते रहते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने यात्रियों और टोल ऑपरेटरों की सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है, ताकि विवादों को कम किया जा सके और टोल प्लाजा पर सुरक्षा मजबूत की जा सके।एनएचएआई ने सोमवार को इसकी घोषणा की। एसओपी विवादों को कम करने के लिए सरकार की ओर से दिशानिर्देश दिए गए है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, विस्तृत एसओपी में एनएचएआई के क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए दिशानिर्देश शामिल हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टोल संग्रहण एजेंसियां अपने कर्मचारियों और सड़क उपयोगकर्ताओं का कुशलतापूर्वक प्रबंधन कर सकें।
इसमें कहा गया है कि टोल संग्रह एजेंसी यह सुनिश्चित करेगी कि टोल प्लाजा कर्मचारी नेमप्लेट के साथ एनएचएआई की निर्धारित वर्दी पहनें। हिंसा की किसी भी घटना को केवल टोल प्लाजा प्रबंधकों/लेन पर्यवेक्षकों के माध्यम से नियंत्रित किया जाना चाहिए, जिनके पास बॉडी कैमरे होने चाहिए। ऐसे मामलों को रिकार्ड करें।
बयान में कहा गया है कि किसी यात्री द्वारा दुर्व्यवहार के मामले में, लेन पर्यवेक्षक हस्तक्षेप करेगा और मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का प्रयास करेगा। एनएचएआई ने अपनी नई पहल ‘पीस ऑन टोल’ की भी घोषणा की।
इसके तहत पेशेवर मनोवैज्ञानिकों को टोल प्लाजा कर्मचारियों को क्रोध प्रबंधन प्रशिक्षण प्रदान करने पर सहमति बनी है। बयान में कहा गया है कि पहला प्रशिक्षण सत्र हरियाणा के मुरथल टोल प्लाजा पर हुआ। इस तरह के प्रशिक्षण सत्र देश भर के विभिन्न टोल प्लाजा पर आयोजित किए जाएंगे।