RS 2000 Notes Withdraw: SBI के पास अब तक 14 हजार करोड़ के 2000 के नोट, SBI के चेयरमैन ने बताया बैंकों में भीड़ क्यों नहीं लगी ?

SBI: एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश खारा ने कहा कि शाखा नेटवर्क के माध्यम से 2,000 रुपये के 2,000 करोड़ रुपये के नोटों का आदान-प्रदान किया गया है। इसके अलावा, बैंक को अब तक 14,000 करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट मिले हैं।

Reserve Bank of India RS 2000 Notes Withdraw: आरबीआई द्वारा 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा के बाद से लोग लगातार उन्हें एसबीआई में जमा कर रहे हैं। 23 मई से बैंकों में नोट जमा किए जा रहे हैं।

यह भी पढे: Viral News of 2000 rupees: दुकानदार ने 2000 रुपये के नोटों की मदद से निकाला बिक्री बढ़ाने का फार्मुला, 2 हजार का नोट दो, 2,100 का सामान लो! इस दुकानदार ने लोगों को दिया ये खास ऑफर

आप इन्हें एक बार में 20,000 रुपये तक एक्सचेंज भी कर सकते हैं। इससे बड़ी संख्या में नोट बैंकों में वापस आ रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में 2,000 रुपये के नोटों में 14,000 करोड़ रुपये जमा हैं।

RS 2000 Notes Withdraw

3000 करोड़ के नोट बदले गए
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने यहां एक समारोह में यह घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि शाखा नेटवर्क के माध्यम से 2,000 रुपये के 2,000 करोड़ रुपये के नोटों का आदान-प्रदान किया गया है।

यह भी पढे:  Rs 2000 Bank Note: क्या होगा अगर 2,000 रुपये के नोट को 30 सितंबर तक नहीं बदला जा सका ?ऐसा किसी ने नहीं सोचा! 

उन्होंने कहा कि 2000 के सभी नोट वैध हैं और आरबीआई ने इन्हें बदलने के लिए लंबा समय दिया है. बैंकों में ग्राहकों की ज्यादा भीड़ नहीं दिख रही है।

RS 2000 Notes Withdraw

इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिना पर्ची भरे और पहचान पत्र बदले 2,000 रुपये के नोट तय करने को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

याचिका में पर्ची भरे बिना और बिना पहचान पत्र के 2,000 रुपये के नोट बदलने की आरबीआई और एसबीआई (SBI) की प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा था कि बड़ी मात्रा में नोट या तो व्यक्तियों की तिजोरी में पहुंच गए थे या “अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, ड्रग तस्करों, खनन माफियाओं और भ्रष्ट लोगों के हाथों में थे।”

याचिका में यह भी कहा गया है कि 2,000 रुपये के नोटों से संबंधित अधिसूचना मनमानी, तर्कहीन और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

आरबीआई ने अधिसूचना का बचाव करते हुए कहा कि यह किसी भी तरह से प्रतिबंध नहीं है, बल्कि एक वैधानिक कार्रवाई है। हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरबीआई से यह सुनिश्चित करने का आदेश मांगा गया है कि 2000 के नोट संबंधित बैंक खातों में जमा हों।

Annu: