Rail Corridor Sahnewal To Pilkhani: पिलखनी-साहनेवाल रेलवे ट्रैक पर अब मालगाड़ियां दौड़ने लगी हैं।कल डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर व सुरक्षा टीम ने पूरे रेलखंड का निरीक्षण कर मालगाड़ी चलाई,जो पूरी तरह सफल रही।
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पिलखनी से 58 कोच वाली मालगाड़ी ने 42 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से महज चार घंटे में 175 किमी की दूरी तय की।पहले इस खंड पर मालगाड़ी परिचालन में छह घंटे से अधिक का समय लगता था।
पिछले करीब 10 दिनों से डीएफसीसीआईएल इस सेक्शन पर लगातार कभी कुछ इंजन तो कभी खाली मालगाड़ियां चला रहा था,ताकि कोई खराबी न रहे और तत्काल प्रभाव से इस सेक्शन को मालगाड़ियों के लिए तैयार किया जा सके।
इस उपलब्धि से डीएफसीसीआईएल के अधिकारी बेहद खुश हैं।अब मालगाड़ियों के लिए अलग लाइन होने से मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन बाधित नहीं होगा और ये यात्री ट्रेनें भी सड़क के बीच में ही अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगी।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बिछाई गई नई रेलवे लाइन की शुरुआती लागत 3,000 करोड़ रुपये थी जिसे बाद में बढ़ाकर 5,500 करोड़ रुपये कर दिया गया।
इसमें 2,500 करोड़ रुपये के सिविल कार्य 1,000 करोड़ रुपये के सिग्नल और ओएचई कार्य और 1,200 करोड़ रुपये की भूमि अधिग्रहण लागत शामिल है।
डीएफसीसीआईएल परियोजना के तहत अंबाला डिवीजन के अंतर्गत का साहनेवाल से पिलखनी तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है।इसके तहत तीन रेलवे सेक्शन तैयार किये गये।पहला शंभू से साहनेवाल, दूसरा पिलखनी से कलानौर और तीसरा कलानौर से पिलखनी तक।
पिलखनी से साहनेवाल तक करीब 175 किलोमीटर के रेलवे सेक्शन का काम अंबाला डिवीजन के तहत डीएफसीसीआईएल के अधीन है।
डीएफसीसीआईएल ने इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारियों को काम पर रखा है।इसमें ट्रेन ड्राइवर, गार्ड और 200 से अधिक अन्य कर्मचारी शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे रेलवे खंड की निगरानी कर रहे हैं कि कोई दुर्घटना न हो।