Prime Minister Narendra Modi:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन को देश को समर्पित किया है। सेंगोल की पूजा करने के बाद, नरेंद्र मोदी ने जमीन पर लेटकर तमिलनाडु में अधिनम से आशीर्वाद प्राप्त किया । सेंगोल को बाद में संसद में स्थापित किया ।
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Prime Minister Narendra Modi
20 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार संसद पहुंचे तो उन्होंने लोकतंत्र के मंदिर को जमीन पर लेटकर माथा टेका और लोकतंत्र के मंदिर के प्रति आभार व्यक्त किया। उसी दिन, उन्हें भाजपा संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया।
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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को जब राम जन्मभूमि पर पूजन की थी तो कुछ ऐसा ही नजारा सामने आया था.धोती कुर्ते में अयोध्या पहुंचने के बाद मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला के दर्शन जमीन पर लेटकर ही किए थे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया है। प्रधानमंत्री ने हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण के बाद नई संसद का उद्घाटन किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ पूजा करने के बाद अधिनम के संतों ने पीएम मोदी को सेंगोल दिया मोदी ने जमीन पर लेटकर तमिलनाडु में अधिनम से आशीर्वाद प्राप्त किया।
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अधिनम से आशीर्वाद प्राप्त करके संसद में स्पीकर की कुर्सी के बगल में सेंगोल को स्थापित किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन करने के बाद इसके निर्माण में शामिल श्रमिकों को सम्मानित किया।
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सेंगोल अधिष्ठापन के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। नया संसद भवन हम सभी को गर्व और आशा से भरने वाला है।उद्घाटन कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सांसद और अतिथि सदन में मौजूद रहे। उन्हें सेंगोल पर एक फिल्म दिखाई गई और पीएम ने 75 रुपये का सिक्का जारी किया।
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सेंगोल के बारे में बयानबाजी के बीच, प्रधान मंत्री ने इसका महत्व समझाया। “महान चोल साम्राज्य में, सेंगोल को कर्तव्य पथ, सेवा मार्ग और राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था। यह सौभाग्य की बात है कि हम पवित्र सेंगोल की गरिमा को पुनर्स्थापित करने में सक्षम हुए हैं। उनकी गरिमा को बहाल करने में सक्षम हैं। जब भी कार्यवाही शुरू होगी, ये सेंगोल सभी को प्रेरित करती रहेगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संसद के इस नए भवन में जब हम ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तो देश के लोगों को नई प्रेरणा मिलेगी।” अब हम सभी सांसदों की जिम्मेदारी है कि हम अपने समर्पण से इसे और दिव्य बनाएं। हम सभी 1.4 अरब भारतीयों का संकल्प इस नई संसद की जीवनदायिनी है। यहां किया गया हर फैसला आने वाली पीढ़ियों को सशक्त करेगा।
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कांग्रेस समेत 20 पार्टियों ने नए संसद भवन का बहिष्कार किया है। प्रधानमंत्री ने इस पर चर्चा नहीं की, लेकिन कहा कि नया संसद भवन समय की मांग है। मुझे खुशी है कि भव्य भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस है। समारोह के दौरान पीएम ने एक कविता भी पढ़ी मुक्त मातृभूमि को नवीन पान चाहिए। नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहिए। मुक्त गीत हो रहा, नवीन राग चाहिए