Major Ashish: 13 सितंबर को कश्मीर के अनंतनाग में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी इस दिन आतंकियों से मुठभेड़ में मेजर आशीष धौंचक शहीद हो गए थे।
मेजर आशीष धौंचक का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बिंझौल में किया गया। उनके चचेरे भाई मेजर विकास ने मुखाग्नि दी। इससे पहले सिख रेजिमेंट के जवानों ने उन्हें बंदूकों की सलामी दी।
शहीद मेजर का अंतिम संस्कार पानीपत टीडीआई सिटी से 14 किमी दूर उनके गांव बिंझौल पहुंचा। एक किलोमीटर लंबे काफिले में करीब 10 हजार लोग यात्रा के साथ शामिल हुए।सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों ने आशीष के शव पर फूल बरसाए और उन्हें अंतिम विदाई दी।
शहीद मेजर आशीष की बहनें और मां भी अंतिम यात्रा के साथ बिंझौल आईं। पूरे रास्ते मां ने हाथ पकड़े रखा, जबकि बहन ने भाई को सलाम किया।