Haryana News: जो निजी विश्वविद्यालय हरियाणा के छात्रों को आरक्षण और शुल्क में रियायत नहीं देते हैं,वे सरकार के निशाने पर हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।निजी विश्वविद्यालयों की जवाबदेही तय करने के लिए 17 साल पुराने नियमों में बदलाव की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
उच्च शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा 15 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय विधेयक पेश करेंगे।वर्तमान में 25 निजी विश्वविद्यालय हैं।
नियमों के मुताबिक,सभी निजी विश्वविद्यालयों में 25 फीसदी सीटें हरियाणा के छात्रों के लिए आरक्षित हैं।इनमें से 10 प्रतिशत सीटें राज्य में एससी छात्रों के लिए आरक्षित होंगी।इसके अलावा सभी निजी विश्वविद्यालयों को राज्य के छात्रों को फीस में 25 फीसदी की छूट देनी होगी।
प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के तीन महीने बाद उच्च शिक्षा विभाग की एक टीम निजी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण कर यह जांचेगी कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।
अगर कोई निजी विश्वविद्यालय हरियाणा के छात्रों को आरक्षण और फीस में छूट न देने का दोषी पाया गया तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर दर्जा वापस भी लिया जा सकता है।